बुखार से हाहाकार

     

रिपोर्ट- बिशन गुप्ता

कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब कई राज्य रहस्यमयी बुखार की चपेट में हैं। यूपी में इस बुखार का सबसे ज्यादा प्रकोप है। यूपी के फ़िरोजाबाद से शुरू हुआ रहस्यमयी बुखार का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। यूपी के कासगंज, एटा, फ़र्ररूखाबाद, मेरठ, मथुरा, अलीगढ़ के साथ वाराणसी समेत राज्य के करीब 58 जिलों को इस बुखार ने अपनी गिरफ़्त में ले लिया हैं। इसके साथ ही यह बुखार बिहार से लेकर एमपी तक के कई जिलों में कहर बरपा रहा है। यूपी के फ़िरोजाबाद में ही यह बुखार अब तक 55 लोगों की जान ले चुका है, जिनमें ज्यादातर बच्चे हैं। पूरे राज्य में अब तक इस बुखार से 90 लोगों की जानें जा चुकी हैं, वहीं यूपी के दूसरे जिलों से भी बुखार से हुई मौत की खबरें आ रही हैं। एमपी और बिहार में भी कई लोग इस बुखार से हताहत हो चुके हैं। हालांकि अभी तक इस रहस्यमयी बुखार के बारे में ठीक ठीक पता नहीं चल पाया है। कोई इसे वायरल बता रहा है, तो कोई डेंगू या फ़िर चमकी बुखार। 

यूपी की बात करें , तो इस बुखार ने राज्य के करीब करीब हर हिस्से में कहर बरपाया हुआ है। मरीजों से अस्पताल भरे पड़े हैं, हालांकि अभी तक इस बुखार का तोड़ नहीं निकल पाया है। अस्पतालों में डॉक्टर बुखार के लक्षणों के आधार पर दवा दे रहे हैं, तो वहीं देहात इलाके में तो हाल और भी बुरा है। यहां ज्यादातर मरीज कोरोना के चलते शहर में अस्पताल जाने से घबरा रहे हैं, जिसके चलते वो गांव में ही झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करवा रहे हैं। यही वजह है कि अब गांव में भी लोग बुखार से दम तोड़ रहे हैं। 

फ़िरोजाबाद में अराइज़ न्यूज़ की टीम ने पाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अटेंशन लेने के बाद स्थितियों में काफ़ी बदलाव आया है। अब चिकित्सा कर्मियों की टीम गांव गांव पहुंच रही हैं । बुखार से पीड़ित लोगों की टेÏस्टग के साथ ही इसके शिकार लोगों का इलाज भी कर रही हैं। इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर उन्हें अस्पताल में भी भर्ती करवाया जा रहा है। राज्य के सभी जिलों में स्वास्थ्य विभाग की टीमें जा रही हैं। लेकिन रहस्यमयी बुखार की सबसे ज्यादा मार पड़ने से हालात अभी भी काफ़ी खराब हैं। वहीं इस बुखार ने राज्य में कई और जिलों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। फ़िरोजाबाद से सटे आगरा, मथुरा, कासगंज , एटा, अलीगढ़, के अलावा वाराणसी में भी रहस्यमयी बुखार के दर्जनों मामले सामने आ रहे हैं । लेकिन अभी तक डॉक्टर भी यह बता नहीं पा रहे हैं कि आखिर यह कैसा बुखार है। हालांकि  राज्य में फ़ैले इस वायरल के बारे में दो तरह के बुखार के नाम सामने आ रहे हैं, पहला लेप्टोस्पायरोसिस और दूसरा स्क्रब टाइफ़स । कहीं कहीं मरीजों में डेंगू के भी लक्षण देखने को मिल रहे हैं। हर जगह लक्षणों के आधार पर दवा दी जा रही है, हालांकि लोग ठीक भी हो रहे हैं। जब अराइज़ न्युज़ की टीम कासगंज के सोरों पहुंची, तो दर्जनों घरों में लोग बुखार से तपते मिले, जिनका कहना था कि वो गांव में ही इलाज करा रहे हैं, लेकिन दवा लेने के बाद तो बुखार उतर जाता है, परंतु दवा का असर खत्म होते ही फ़िर से चढ़ने लगता है। 

सिर्फ़ उत्तर प्रदेश ही नहीं बिहार में भी यह रहस्यमयी बुखार कहर बरपा रहा है। छपरा में इस बुखार ने अब तक कई लोगों की जान ले ली है। सीवान, मुजफ़्फ़रपुर, वैशाली और गोपालगंज जिले में भी इस रहस्यमयी बुखार के मामले देखने को मिले हैं। रज्य के विभिन्न अस्पतालों में 800 से ज्यादा बच्चे भर्ती हैं। कई जगह बेड की कमी देखने को मिल रही है, जिसके चलते एक एक बेड पर दो दो मरीजों को लेटाया जा रहा है। हालांकि डॉक्टर इसे साधारण वायरल फ़ीवर ही बता रहे हैं, जो हर साल इस सीजन में होता है। आरा में भी लोगों को बुखार, खांसी और सांस फ़ूलने की शिकायतें मिल रही हैं। 

उधर यूपी से सटे मध्यप्रदेश में भी रहस्यमयी बुखार ने दस्तक दे दी है। भोपाल के अलग-अलग अस्पतालों में बुखार के करीब 400 से अधिक बच्चे भर्ती हैं। वहीं ग्वालियर से लेकर मालवा तक इस बुखार के मरीज देखने को मिल रहे हैं। बड़ी संख्या में लोगों, खासकर बच्चों के बीमार पड़ने से अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है, जिसके चलते कोरोना गाइड लाइन की भी धज्जियां उड़ रही हैं।