झारखण्ड में तेजस्विनी परियोजना से सबल बनती लड़कियां

 



    रिपोर्ट - पवन मोदी 

झारखण्ड में तेजस्विनी परियोजना लड़कियों के लिए वरदान साबित हो रही है।  इस परियोजना के जरिए राज्य की 14 से 24  वर्ष की ग्रामीण लड़कियों को पढ़ाई के साथ ही रोजगार  भी देना है , ताकि वो सक्षम होकर अपने पांव पर खड़ी हो सकें। इस परियोजना के तहत जहां लड़कियों में नेतृत्व क्षमता का  विकास , सामाजिक जागरूकता के बारे में बताया जाता है , तो वहीं उन्हें कौशल प्रशिक्षण भी दिया जाता है। 

तेजस्विनी परियोजना के तहत कोयला नगरी धनबाद के निरसा प्रखंड के ३० क्लस्टर सेंटरों में इन दिनों युवा उत्प्रेरकों को चार दिवसीय जीवन कौशल प्रशिक्षण  दिया जा रहा है। तेजस्विनी परियोजना के निरसा प्रखंड कोआर्डिनेटर सुज्ञान मिश्रा ने बताया कि इस चार दिवसीय प्रशिक्षण के माध्यम से इलाके की लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही उनमें आत्मविश्वास जगाने का काम किया जा रहा है , जिसके अंतर्गत एफआईआर दर्ज करना, बालिकाओं एवं महिलाओं के खिलाफ हिंसा के जीवन चक्र , सामाजिक अधिकारों आदि के बारे में बताया जा रहा है , ताकि वो हर परिस्थिति  का मुकाबला कर सकें।  योजना के क्लस्टर कोआर्डिनेटर द्वारा क्लब के 125 युवा उत्प्रेरकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।