साइबर क्राइम हव बन रहा कोयलांचल

रिपोर्ट - पवन मोदी 




झारखंड का जामताड़ा जिला साइबर अपराध के लिए देश-दुनिया में कुख्यात है, लेकिन वहां देश भर की पुलिस की रेड पड़ने के बाद साइबर अपराधी धनबाद और गोड्डा की ओर पैर पसारने की कोशिशों में जुटे हैं, हालांकि पुलिस की सक्रियता के चलते वो अपने मंसूबों में अभी तक कामयाब नहीं हो पाये हैं । धनबाद, जामताड़ा और गोड्डा  पुलिस ने पिछले कुछ दिनों के दौरान साइबर अपराध के कई मामलों का ना केवल खुलासा किया, साथ ही वो इनकों अंजाम देने वाले साइबर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में भी सफ़ल रही। पुलिस मुख्यालय की ओर से जब साइबर अपराध पर रिपोर्ट तैयार करवाई गई, तो पता चला कि साइबर अपराधी जामताड़ा के साथ ही धनबाद और गोड्डा से भी फ़ोन कर रहे हैं । चिंता की बात यह है कि वारदात करने के लिए साइबर अपराधी नये-नये तरीके ईजाद कर रहे हैं। इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते हैं, उससे पहले ही साइबर अपराधी अपनी कारगुजारियों को अंजाम दे चुके होते हैं । साइबर अपराधी लोगों से ठगी के लिए अलग-अलग जगहों से खरीदे गये सिमों का इस्तेमाल करते हैं। अभी हुई वारदातों में इस्तेमाल अधिकांश सिम पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड की विभिन्न जगहों से खरीदे गये। इनकी खरीद में साइबर अपराधियों ने पते भी गलत दर्ज करवाये थे। पुलिस ने इन सभी सिम को ब्लॉक करवा दिया है और अब वो उन सिम बेचने वालों के खिलाफ़ भी कार्रवाई कर रही है, जिन्होंने इन साइबर अपराधियों को गलत पते पर सिम की बिक्री की थी। इसके साथ ही साइबर अपराधियों के खिलाफ़ स्पीडी ट्रायल चलाया जा रहा है, ताकि उन्हें जल्द से जल्द सजा मिल सके और दूसरे साइबर अपराधियों को सबक।


अभी हाल ही में हिमाचल प्रदेश पुलिस ने साइबर क्राइम के मामले में निरसा पुलिस के सहयोग से धनबाद के विभिन्न इलाकों में छापेमारी की, जिसमें अब तक 3 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। मालूम रहे कि हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और निरमंड थाना क्षेत्र के लोगों से बैंक अधिकारी बनकर उनके खाते का ओटीपी लेकर 18 लख रूपये निकाल लिये गये । जब हिमाचल पुलिस ने इस मामले की छानबीन की तो उसके तार धनबाद से जुड़े मिले। इसके बाद हिमाचल पुलिस ने धनबाद पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी की और कतरास से रौशन अग्रवाल, निरसा के गोविन्दपुर से रोहित रविदास और पीठाकियारी से बाबूलाल रविदास को गिरफ्तार कर लिया।


पीठाकियारी गांव बना जामताड़ा का कर्माटांड


निरसा का पीठाकिथारी गांव जामताड़ा जिले का कर्माटांड बनता जा रहा है। आज से 10 साल पहले निरसा में साइबर क्राइम के इक्के-दुक्के मामले ही सामने आते थे, लेकिन बीते कुछ दिनों में साइबर क्राइम के मामले में निरसा का नाम तेजी से उभरा है । वजह है कम समय में कम मेहनत पर ज्यादा रूपया बनाने के चक्कर में युवा वर्ग साइबर अपराध की दुनिया में तेजी से पैर पसार रहे हैं। निरसा थाना क्षेत्र के कई गांव के लोगों के पारिवारिक संबंध जमताड़ा के कर्माटांड गांव के लोगों से हैं, जो पहले ही साइबर अपराध के गढ़ के रूप में कुख्यात है। यहां के युवा जब कर्माटांड गये, तो वहां अपने रिश्तेदारों की चकाचौंध देखकर साइबर अपराध की दुनिया से जुड़ गये और धीर-धीरे इस धंधे में पारंगत हो गये । साइबर क्राइम से युवाओं के जुड़ने की एक वजह यह भी है कि अगर इस मामले में अपराधी पकड़े भी जाते हैं, तो कुछ दिनों बाद ही वो छूटकर भी आ जाते हैं, जबकि इस धंधे से जुड़कर वो कुछ ही दिनों में मालामाल हो जाते हैं । इससे उन्हें लगता है कि इस धंधे में रिस्क से ज्यादा कमाई है। लेकिन पिछले कुछ महीनों में धनबाद पुलिस के वरीय पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल के नेतृत्व में साइबर अपराध पर बड़ी चोट की गयी है और दजर्नो साइबर अपराधी था तो सलाखों के पीछे पहुंच गये हैं या फ़िर जिले से आउट हो चके हैं।


इससे पहले झरिया के ऐना इस्लामपुर में पुलिस ने साइबार अपराधियों के अब तक के सबसे बड़े गैंग का पर्दाफ़ास किया था। यह गिरोह काल सेंटर की आड़ में विदेशी लोगों को अपना निशाना बनाता था। यह गिरोह विदेशी नागरिकों से ऑनलाइन डॉलर में ठगी करता था। यह गोरखधंधा करीब 8 महीने से झरिया में चल रहा था। पुलिस ने गिरोह से जुड़े विक्रांत सिंह, ज्वाला सिंह, रंमण, बंटी समेत 29 लोगों को गिरफ्तार किया था। गैंग के शातिर अमेरिका की एक एजेंसी से 500-1000 डॉलर में वहां के लोगों की डिटेल ले लेते और फ़िर इंटरेक्टिव वॉयस रिस्पांस के जरिए कस्टमर केयर जैसे नम्बरों से मैसेज भेजते मैसेज में ग्राहकों को बताया जाता कि आपका सबक्रिप्शन समाप्त हो रहा है। अगर आप पैसा जमा नहीं करेंगे, तो आपका पैसा कट जाएगा। मैसेज में यह लोग एक टोल फ्री नम्बर भी देते थे, जो देखने में अमेरिका का लगता था। जब ग्राहक उस नम्बर पर फ़ोन करते, तो ये लोग उस नम्बर को एक सॉफ़्टवेयर के जरिये झरिया स्थित अपने कॉल सेंटर से कनक्ट करा देते और फ़िर ग्राहकों की स्क्रीनिंग को ऑनलाइन हैक कर लिया जाता। इसके बाद तरह-तरह की ट्रिक अपनाकर उनके खाते को खंगाल लेते। लेकिन थोड़ी सी सूझबूझ से साइबर अपराधियों से बचा भी जा सकता है । जामताड़ा जिले के नारायणपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी महेश्वरी प्रसाद यादव का कुछ साइबर अपराधियों ने फ़ेसबुक एकाउंट हैक कर लिया । फ़िर उस एकाउंट से मैसेंजर एप के जरिए उनके दोस्तों को मैसेज भेजकर पैसे की मांग की गयी। बीडीओ महेश्वर प्रसाद यादव के मैसेंजर से हैकर्स ने उनके दोस्तों को बताया कि वो अभी अस्पताल में हैं। अभी बात नहीं कर सकते। मुझे आपसे 20 हजार रुपये चाहिए। इस पर बीडीओ साहब के दोस्तों को कुछ शक हुआ और उन्होंने तुरंत ही उनसे सम्पर्क किया तो सारी बात साफ़ हो गयी और इस तरह दोस्तों के जागरूक रहने से बीडीओ ठगी का शिकार होने से बच गये। 


अपर्णा सेन गुप्ता, विधायक निरसा


यवाओं से मेरी अपील है कि वे धन कमाने के लिए गलत रास्ते ना अपनाएं। साइबर क्राइम से न जुड़े। युवा रोजगार से जुड़े या कोई साफ सुथरी नौकरी करे। एक गलत कदम उनकी जिन्दगी बर्बाद कर सकता है।


किशोर कौशल, एसएसपी धनबाद


किसी भी प्रकर का अपराध हो, चाहे वो चोरी हो, लूट हो य फिर साइबर क्राइम हो, इसमें कई बार दिखता है कि बड़ी आसानी से पैसा कमाया जा सकता है, लेकिन वो ना तो नैतिक तौर पर और न ही कानूनी तौर उचित है। जब भी आप पकड़े जाएंगे. कानूनन आपको उसकी सजा मिलेगी। इसलिए युवा पढ़-लिखकर अपनी सोच और ऊर्जा को रचनात्मक दिशा में लगाएं ना कि आपराधिक कामों में। 


आर रामकुमार, सिटी एसपी धनबाद


साइबर अपराधी कितनी ही चतुराई क्यों ना कर लें, वो कानून के लम्बे हाथों से नहीं बच सकते। एक न एक दिन उन्हें सलाखों के पीछे जाना ही पड़ेगा। साइबर अपराध से बचने के लिए आम आदमी का जागरूक होना बहुत जरूरी है। लोगों को पता होना चाहिए कि बैंक  आपके खाते की डिटेल नही मांगती। फर्जी लिंक खोलने और शेयर करने से बचें । फर्जी एप्स को डाउनलोड ना करे। 


अमित रेनू , एसपी ग्रामीण, धनबाद


साइबर क्राइम से बचने का उपाय यह है कि आप जागरूक बनें। बैंक और पुलिस के माध्यम से अक्सर लोगों को बताया जाता है कि वे अपनी पर्सनल इंफॉरमेशन जैसे अपने बैंक एकाउंट नम्बर, ओटीपी, पासवर्ड किसी को न दें। साथ ही किसी भी तरह के लिंक पर अनावश्यक रूप से ना तो क्लिक करें और ना ही किसी से शेयर करे। जितनी ज्यादा जगरूकता जनता के बीच होगी, उतने ही अच्छे ढंग से इससे बचा जा सकता है।


विजय कुमार कुशवाह, एसडीपीओ, निरसा


साइबर क्राइम से बचने के लिए बैंकों द्वारा, मीडिया के द्वारा या फिर पुलिस के द्वारा जो  निर्देश दिये जाते हैं, लोगों को उन्हें समझकर उनके प्रति सजग रहना है। इसके साथ ही किसी लालच में ना पड़कर किसी भी तरह के लिंक को शेयर और क्लिक न करें।


मुकेश कुमार डीएसपी (विधि व्यवस्था) धनबाद


 साइबर क्राइम बहुत चुनौतीपूर्ण है पुलिस के लिए। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि साइबर क्राइम के प्रति जगरूकता । किसी भी तरह के लालच में ना आएं। अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को साइबर अपराध के बारे में अवेयर करें।


संजीवकांत मिश्रा, साइबर थाना प्रभारी


साइबर क्राइम से आम व्यक्ति के बचाव का सबसे अच्छा तरीका है, उसका खुद अपने आप में अवेयर होना। आजकल साइबर अपराधी हाईटेक तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं। लोग छोटे-छोटे अमाउंट के लालच में फंस जाते हैं और अपनी गाढ़ी कमाई गंवा देते हैं।


प्रभात कुमार सिंह, थाना प्रभारी चिरकुंडा


साइबर अपराध के प्रति लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है। साइबर क्राइम से जुड़े युवाओं से मैं यही कहना चाहूंगा कि बुरे काम का बुरा ही नतीजा होता है। यह उन्हें अपराध के ऐसे दलदल में ले जाएगा, जिसका अन्त सलाखो के पीछे होगा।


रवि कुमार, वरिष्ठ अधिवक्ता, झारखंड हाईकोर्ट, रांची


सोशल मीडिया के प्रसार के साथ ही साइबर अपराध के मामले बढ़ते जा रहे है। इसकी वजह है जागरूकता की कमी और कानून में बड़ी सजा का न होना, जिसका साइबर अपराधी फ़ायदा उठाते है। इसलिए साइबर अपराध के प्रति सरकार को लोगों को अधिक जागरूक करना चाहिए, साथ ही कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए, ताकि साइबर अपराधी अपराध करने से बचें।


संजय परशुराम, समाजसेवी


साइबर अपराध जामताड़ा के लिए एक बदनुमा दाग के समान है। इससे छुटकारा पाने के लिए प्रशासन, बुद्धिजीवियों को मिलकर भटके हुए युवाओं को जागरूक बनाते हुए उन्हें सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है। जामताड़ा के युवा काफ़ी तेज है, उनका सही उपयोग नही हो पाया है।


गोड़ा बना साइबर अपराध का नया ठिकाना



झारखंड का गोड्डा जिला भी साइबर क्राइम के नये ठिकाने के रूप में सामने आया है। यहां बीते कुछ महीनों में साइबर अपराध के कई मामले सामने आये हैं। अभी कुछ दिन पहले गोड्डा एसपी शैलेन्द्र वर्णवाल के नेतृत्व में पुलिस ने साइबर अपराधियों के एक ऐसे गैंग का खुलासा किया था, जिसके शातिर ऑनलाइन फ़र्जी कम्पनी के द्वारा पुराने सिक्कों एवं नोटों को खरीदने के नाम पर लोगों से ठगी करते थे।  इस गैंग से जुड़े जिले के पौडैयाहाट क्षेत्र के कुछ युवक पहले तो लोगों से उनके पुराने सिक्को एवं नोटों को मोटे दामों में खरीदने की बात कहकर उनके एकाउंट नम्बर, पासवर्ड, ओटीपी ले लेते और फ़िर यस पे, ओला मनी, पेटीएम, फ़ोन पे, मोबी क्विक, टी वॉलेट जैसे एप्स के माध्यम  से उनके एकाउंट को खंगाल लेते। पुलिस ने पौडैयाहाट के पहाड़ी और जंगली इलाकों में छापेमारी करके गैंग के 7 शातिरा का गिरफ्तार किया। गोड्डा में साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों उसे लोकसभा में भी उठा चके हैं जिसमें को देखते हुए क्षेत्र के सांसद निशीकांत दुबे उन्होंने मांग की कि साइबर अपराधों से निपटने के लिए क्षेत्र में राष्ट्रीय जांच एजेंसी का कार्यालय होना चाहिए। 


शैलेन्द्र वर्णवाल, एसपी गोड्डा 


कुछ शातिर ऑनलाइन फर्जी कंपनी के द्वारा पुराने सिक्को एवं नोटो को खरीदने के नाम पर  लोगों से ठगी करते। वो लोगों से उनके पुराने  सिक्को एवं नोटों को मोटे दामों  में खरीदने  की बात कहकर उनके एकाउट नम्बर, पासवर्ड , ओटीपी ले लेते और फिर यस पे, ओला मनी, पेटीएम, फ़ोन पे, मोबी क्वीक, टी वॉलेट जैसे एप्स  के माध्यम से उनके एकाउंट को खंगाल लेते।


अंशुमन कुमार, एसपी, जामताड़ा


साइबर अपराध के मामले में जामताड़ा को बदनाम किया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि जामताडा से ही साइबर अपराध का उदभव हुआ हो। यहां कोई संगठित गैंग नही है। हां , जामताडा के कुछ युवकों को इस काम के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। पलिस प्रशासन पुरी तत्परता के साथ साइबर अपराध पर लगाम कसने में जुटा है।