खूनी निकला नेशनल बॉडी बिल्डर


 बीते ७ दिसम्बर को दो अलग-अलग शहरों में दो कत्ल हुए।  दोनों कत्ल के समय में भी बस कुछ ही मिनट का अन्तराल था, जितना उन दोनों शहरों की दूरी में था। एक कत्ल हुआ हरियाणा के रेवाड़ी में, जहां पुलिस को एक युवती की गोलियों से छलनी लाश मिली थी, तो दूसरा जयपुर हाइवे पर एक कैब ड्राइवर की लाश मिली। लेकिन जब पुलिस ने इन दोनों हत्याओं की जांच की, तो दोनों के तार दिल्ली से जुड़े थे। युवती दिल्ली के रोहिणी इलाके में रह रही थी, जबकि कैब ड्राइवर दिल्ली के डाबड़ी इलाके का रहने वाला था। जब मामले का खुलासा हुआ तो इन दोनों हत्याओं का आरोपी एक नेशनल बॉडी बिल्डर निकला, जिसने पहले अपनी गर्ल फ्रेंड की हत्या की और फ़िर उसका गुनाह छुपाने के लिए बेगुनाह कैब ड्राइवर की जान ले ली।


७ दिसम्बर के दिन हरियाणा के रेवाड़ी में पुलिस को धारूहेड़ा में एक २०-२२ साल की युवती की लाश मिली। लाश को देखकर यह अन्दाजा लगाना मुश्किल नहीं था कि उस युवती की गोली मारकर हत्या की गयी थी। पलिस ने जब जांच की, तो युवती की पहचान दीप्ति गोयल के रूप में हई ,जो मल रूप से हनुमानगढ़ राजस्थान की रहने वाली थी। दीप्ति गोयल पिछले कुछ समय से दिल्ली के रोहिणी इलाके में अपने पिता के साथ अपने एक रिश्तेदार के घर पर रह रही थी। पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई कि उसके साथ दुष्कर्म जैसी कोई वारदात नहीं हुई थी। जब पुलिस ने दीप्ति के परिवारवालों से पूछताछ की और उसके फ़ोन की डिटेल निकाली तो पता चला कि हेमन्त लांबा नाम के नेशनल बॉडी बिल्डर से उसकी दोस्ती थी । हेमन्त फ़िटनेस एक्स्पर्ट भी है। साथ ही कई बॉडी बिल्डिंग संस्थाओं से भी जुड़ा हुआ है। वारदात वाले दिन भी दीप्ति हेमन्त के साथ ही थी। दीप्ति के मोबाइल फ़ोन से ही दिल्ली से जयपुर के लिए ओला कैब बुक करवाई गयी थी। इस ओला कैब का ड्राइवर डाबड़ी निवासी देवेन्द्र था, जिसकी लाश पुलिस को जयपुर हाइवे पर मिली थी। देवेन्द्र ने ओला कैब में अपनी कई गाड़ियां लगा  रखी थी। साथ ही वो खुद भी अपनी ओला ड्राइव करता था। वारदात वाले दिन देवेंद्र अपनी ओला कैब में दीप्ति गोयल और हेमन्त लांबा को लेकर जा रहा था कि इसी बीच दीप्ति और हेमन्त के बीच किसी बात को लेकर बकझक हो गयी। बात इतनी बढ़ी कि धारूहेड़ा के सुनसान इलाके में दोनों उतर गये। इसी बीच हेमन्त ने अपनी गर्ल फ्रैंड दीप्ति पर गोलियां बरसा दीं , जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी। यह सारा बाकया कैब चालक देवेन्द्र अपनी आखों से देख रहा था। इसके बाद हेमन्त हथियार की नोक पर देवेन्द्र को अपने साथ आगे ले गया। उसे डर था कि देवेन्द्र उसकी पोल खोल देगा और वो हमेशा के लिए सलाखों के पीछे चला जाएगा। इस पर उसने देवेन्द्र को भी मारने की ठान ली और जयपुर हाइवे पर आते ही उसकी भी हत्या कर दी और उसकी लाश को वहीं फेंककर वो उसकी ओला कैब लेकर आगे चला गया। इसके बाद हेमन्त खुद गाड़ी चलाकर गुजरात के सूरत पहुंच गया। वहां उसने कैब बेचने के लिए अल्पेश नाम के एक कार डीलर से सम्पर्क किया। लेकिन उसकी जल्दबाजी देखकर अल्पेश समझ गया कि यह गाड़ी चोरी की है। अपने शक को पक्का करने के लिए अल्पेश ने कैब पर लिखे मोबाइल नम्बर पर फ़ोन किया, जिसे देवेन्द्र की पत्नी ने उठाया। उसने अल्पेश को बताया कि कैब का सौदा करने वाला व्यक्ति दो हत्याओं का आरोपी है। वो उसे जाने न दे और किसी तरह उसे पुलिस के हवाले कर दे इसके बाद अल्पेश ने मौका देखकर पुलिस बुला ली और हेमन्त को पुलिस को सौंप दिया। इसके बाद गुजरात पुलिस ने रेवाड़ी पुलिस से सम्पर्क किया और उसे पूरी जानकारी दी। जल्द ही रेवाड़ी पुलिस भी सूरत पहुंच गयी और हेमन्त को लेकर आ गयी । अब रेवाड़ी पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है, ताकि हत्या के आरोपी हेमन्त लांबा को उसके गुनाहों की सजा दिलवाई जा सके। उधर दिल्ली पुलिस भी हेमन्त का काला चिट्ठा खंगालने में जुटी है। उम्मीद है कि हेमन्त को उसके गुनाहों की उचित सजा मिलेगी। साथ ही लोगों को यह भी पता चल सकेगा कि हेमन्त का अपनी गर्ल फ्रैंड के साथ रास्ते में ऐसा क्या विवाद हुआ कि बात इस हद तक पहुंच गयी कि उसने अपनी गर्ल फ्रेंड के सीने को छलनी कर दिया।