चाची की हत्या कर शव से किया दुष्कर्म

रिपोर्ट - तारकेश्वर राय 


 



भतीजे की कलंक कथा


समाज में रिश्ते किस तरह तार-तार हो रहे हैं , इसका जघन्य उदाहरण देखने को मिला है पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में, जहां सम्पति के लालच में एक कलयुगी भतीजे ने पहले तो अपनी मां समान चाची की हत्या कर दी, फ़िर उनकी लाश के साथ दुराचार किया। चाची की  हत्या में उनके दामाद ने भी उस हैवान भतीजे का पूरा साथ निभाया। इसके बाद उस कलयुगी भतीजे ने अपनी चाची को मुखाग्नि से लेकर बाकी सारे क्रियाकर्म भी किये, ताकि किसी को उस पर शक ना हो, लेकिन पुलिस की कुशलता और तेजी से उस हैवान की सारी चालाकी धरी की धरी रह गयी ।


दुर्गापुर के धंदाबाद इलाके में रहने वाली अंजलि बनर्जी नाम की एक महिला जब एक सुबह देर तक नहीं उठीं, तो पड़ोस में रहने वाली उनकी भतीजी को चिंता हुई, और वो हाल जानने के लिए उनके दरवाजे पर पहुंची, तो सारा माजरा देखकर सन्न रह गयी। घर का मेन गेट खुला था, चाची की अर्ध नग्न लाश फ़र्श पर पड़ी थी और घर का सामान इधर-उधर बिखरा पड़ा था। इसके बाद उसने घर में ताला बन्द कर परिजनों और पुलिस को खबर दी। उधर जल्द ही यह खबर आग की तरह पूरे इलाके में फ़ैल गयी और पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि मृतक महिला अंजलि बनर्जी एकाकी जीवन जी रही थीं। करीब ९ साल पहले उनके पति की मौत हो चुकी थी। उनकी तीन बेटियां हैं और तीनों की शादी हो चुकी है। पड़ोस में रह रही अपनी जेठानी के बेटे यानि अपने भतीजे प्रशांत को वो अपने बेटे की तरह मानती थीं। अंजलि बनर्जी दूसरों के घरों में काम करके किसी तरह अपनी जिंदगी चला रही थीं। लेकिन उनके पास दो घर थे , जिनको लेकर उनकी तीनों बोटियों में अक्सर ठनती रहती थी। हर बेटी चाहती थी कि मां की सम्पत्ति उसे मिल जाये। प्रशांत की भी नजर अपनी चाची की सम्पत्ति पर थी। उधर प्रशांत की अपनी चाची के एक दामाद कंचन अधिकारी से खूब पटती थी जब भी कंचन अपनी सास से मिलने के लिए आता, तो वो प्रशांत से जरूर मिलता। उसके साथ शराब पीता। इसी बीच एक दिन प्रशांत ने कंचन के साथ मिलकर अपनी चाची अंजलि बनर्जी को खत्म करने की ठान ली, ताकि दोनों मिल बांटकर उनकी सम्पति को हड़प सकें। तय योजना के मुताबिक, दुर्गा पूजा के दिन कंचन धंदाबाद पहुंच गया और प्रशांत के साथ मिलकर पूरी योजना को अंतिम रूप दे दिया। योजना को मूर्त रूप देने के लिए पहले तो दोनों ने जमकर शराब पी और फ़िर अन्धेरा होते ही अंजलि बनर्जी के घर पहुंचे। अपने दामाद कंचन और भतीजे प्रशांत को देखकर अंजलि बनर्जी ने दरवाजा खोल दिया और दोनों को अन्दर बुला लिया। इससे पहले अंजलि बनर्जी कुछ बोल पाती, प्रशांत ने अपनी चाची का गला दबाकर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद उस हैवान ने अपनी चाची की लाश के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद वारदात को अलग रंग देने के लिए दोनों ने घर के सामान को इधर उधर फ़ैला दिया और घर से निकल गये। कंचन वहीं से अपने घर बड़गड़िया निकल गया, तो प्रशांत अपने घर चला गया। वहीं जब अगली सुबह अंजलि के घर से कोई हलचल नहीं हुई, तो उनके पड़ोस में रह रही उनकी जेठानी की बेटी उनके घर पहुंची। घर का दरवाजा बाहर से खुला था, लिहाजा उसे अन्दर आने में कोई दिक्कत नहीं हुयी। लेकिन घर के अन्दर का नजारा देखकर उसकी आंखें फ़टी की फटी रह गयीं। घर के अन्दर फ़र्श पर उसकी चाची अंजलि बनर्जी की लाश पड़ी थी। उनके कपड़े अस्त व्यस्त थे, जबकि घर का सामान इधर उधर बिखरा हुआ था। इसके बाद उसने घर के परिजनों और पलिस को इसकी खबर दी। उधर मौके पर पहुंची पुलिस से लोगों ने स्निफ़र डॉग बुलाने की मांग की, ताकि जल्द से जल्द आरोपियों तक पहुंच जा सके। लेकिन स्निफ़र डॉग को देखकर प्रशान्त बहाने से वहां से निकल गया और फ़िर कुछ घंटे बाद वापस आकर उसने अपनी चाची को मुखाग्नि दी और उनके बाकी क्रियाकर्म भी किये, ताकि उस पर किसी को बिलकुल भी शक न हो। लेकिन पुलिस को जांच में कुछ ऐसे सबूत हाथ लगे कि वो प्रशान्त की ओर इशारा कर रहे थे। इसके बाद पुलिस ने प्रशान्त को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की, तो पुलिस की सख्ती के आगे वो टूट गया और उसने सारी सच्चाई उगल दी। उधर पुलिस ने प्रशान्त की गवाही पर अंजलि के दामाद कंचन को भी हिरासत में ले लिया है और वारदात के सारे सबूत इकट्ठा करने में जुट गयी है, ताकि आरोपियों को उनके गुनाहों की उचित सजा दिलवाई जा सके। वहीं समाज को झकझोर देने वाली रिश्तों के कत्ल की इस जघन्य वारदात ने एक बार फ़िर यह बात साबित कर दी है कि सम्पति के लालच में इंसान कोई भी हैवानियत करने में नहीं चूकता।


अभिषेक गुप्ता, डीसीपी 


सम्पत्ति के लालच में इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया गया है। मृतक महिला के भतीजे ने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया है। महिला की हत्या में उनके दामाद का नाम भी सामने आया है। पुलिस की कोशिश है कि आरोपियों को उनके गुनाह की उचित सजा मिले।


सुशील चटर्जी ,पार्षद 


इस वार्ड का पार्षद होने के नाते मैं  कहूंगा कि दोषी को कड़ी  से कड़ी सजा मिले, ताकि इस तरह की घटना करने से पहले अपराधी के मन में डर हो। साथ ही मैं  आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट को धन्यबाद देता हूं  कि  उनकी तत्परता से दोषी को २४ घंटे के अंदर ही पकड़  लिया गया।