मॉब लिचिंग से हलकान कोयला नगरी

रिपोर्ट-पवन मोदी 




मॉब लिचिंग की वारदातें यूं तो पूरे झारखण्ड में होती रही हैं।  कभी बच्चा चोर के नाम पर, तो कभी डायन कहकर या फिर गौ हत्या के नाम पर ना जाने कितने ही असहाय निर्दोष लोगों को भीड़ ने अपना शिकार बनाया है, लेकिन इस बार भीड़ का कहर बरप रहा है, कोयला नगरी कहे जाने वाले धनबाद जिले में, जहां हर कोने से मॉब लिचिंग की वारदातों की खबरें आ रही हैं। बेकाबू भीड़ ने बच्चा चोर समझकर कई लोगों को अपना शिकार बनाया है। हर दिन किसी ना किसी विक्षिप्त, अनजान व्यक्ति, फेरीवाले की पिटाई कर दी जा रही है । अजनबी लोगों को देखते ही लोग बिना कुछ सोचे समझे बच्चा चोर कहकर जान लेने पर उतारू हो रहे हैं। जिले के निरसा थाना क्षेत्र में रंगामाटी निवासी एक अर्ध विक्षिप्त व्यक्ति प्रथम सिंह को भीड़ ने बच्चा चोर समझकर पीट-पीट कर लहूलुहान कर दिया, जिसकी बाद में अस्पताल में मौत हो गयी। हालांकि पुलिस तुरंत हरकत में आ गयी और इस मामले के आरोपी 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। उधर मुनीडीह ओपी क्षेत्र के लालपुर फुटा में ग्रामीणों ने बच्चा चोर समझकर एक महिला की पिटाई कर दी। चिरकुंडा में दो लोगों को बच्चा चोर समझकर ग्रामीणों द्वारा पीटा गया, हालांकि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बल प्रयोग करके भीड़ को भगाया। दोनों पीड़ितों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया, तो पता चला कि दोनों मन्दबुद्धि हैं । बरवाडीह क्षेत्र में ग्रामीणों ने बच्चा चोरी के संदेह में एक व्यक्ति को पकड़ लिया और पिटाई की, तो हटियाटांड में लोगों ने बच्चा चोर समझकर एक व्यक्ति को क्लब में बन्द कर दिया। दोनों घटनाओं में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पीड़ितों को छुड़वाया। मधुबन के पिपराटांड में लोगों ने बच्चा चोर के सन्देह में एक व्यक्ति को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया, तो वहीं जोडापोखर के डिगवाडीह में लोगों ने बच्चा चोर समझकर दो किशोरों की पिटाई कर दी। पुलिस ने दोनों का इलाज करवाया और पूछताछ के बाद छोड़ दिया। उधर तारापीठ मन्दिर से पूजा करके धनबाद लौट रहे डीड राइटर सोमेन चट्टराज की बच्चा चोर के सन्देह में कुछ ग्रामीणों द्वारा मैथन के महुलबना में पिटाई की गयी। जब पुलिस उन्हें छुड़ाने गयी, तो ग्रामीणों ने पुलिस पर भी हमला कर दिया, जिसमें 18 नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस के मुताबिक, भीड़ ने ज्यादातर जगहों पर विक्षिप्तों को अपना निशाना बनाया है, जो शर्मनाक है। उधर जिले में मॉब लिचिंग की वारदातों को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। पुलिस एक तरफ लोगों को मॉब लिचिंग के खिलाफ जागरूक कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर इस तरह के कृत्य करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। पुलिस के द्वारा जिला स्तर से लेकर प्रखण्ड स्तर तक जनप्रतिनिधियों, गणमान्य लोगों के साथ मिलकर सभाओं, गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्हें बताया जा रहा है कि बच्चा चोरी की कोई घटना जिले में नहीं हुई है। वो किसी भी तरह की भ्रामक सूचना,  मैसेज पर ध्यान न दें। सोशल मीडिया पर चलने वाले सन्दिग्ध मैसेज पर ध्यान ना दें, ना ही उन्हें आगे फॉरवर्ड करें। इसके साथ ही हर थाना स्तर पर पुलिस अधिकारी क्षेत्र के लोगों के साथ समन्वय बैठकें कर रहे हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए कई स्वयंसेवी संगठन भी आगे आये हैं, जो लोगों के घरों पर जाकर, नुक्कड़ नाटकों के जरिए मॉब लिचिंग की घटनाओं के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं। वहीं जिले के एसएसपी किशोर कौशल ने लोगों से अपील की है कि वो अफवाहों पर ध्यान ना दें और अगर उन्हें कोई सन्दिग्ध सूचना मिलती है, तो वो उसकी खबर पुलिस को दें। इसके साथ ही पुलिस मॉब लिचिंग की वारदातों में शामिल होने वाले, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले लोगों की पहचान कर रही है और उनकी गिरफ्तारी की जा रही है, जो लोग फरार हैं, उनके घरों की कुर्की की जा सकती है। हालांकि अब तक इस दौरान किसी भी क्षेत्र में बच्चा चोरी की कोई घटना सामने नहीं आई है, लेकिन इसके बावजूद इतने बड़े पैमाने पर इस तरह की घटनाओं का होना दर्शाता है, कि स्थिति कितनी भयाभय है।


किशोर कौशल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धनबाद


बच्चा चोरी जैसी कोई भी घटना अभी हाल फिलहाल क्षेत्र में नहीं हुयी है। महज अफवाहों के कारण इस तरह की घटनाएं हुई हैं। हालांकि पुलिस के द्वारा मॉब लिचिंग के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। मेरी लोगों से अपील है कि वो अफवाहों पर ध्यान न दें। अगर इस तरह का कोई मैसेज या सूचना उन्हें मिलती है, तो वो इसकी खबर पुलिस को दें। स्वयं भीड़ का हिस्सा बनकर कानून को हाथ में न लें। कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई कर रही है।


अमन कुमार एसपी, ग्रामीण


मॉब लिचिंग से संबंधित घटनाओं को रोकने के लिए सबसे पहले हमें अपने आसपास जागरूकता लानी होगी और इसकी शुरूआत हमें अपने घर परिवार से करनी होगी। हमें अपने घर परिवार के सदस्यों को सबसे पहले जागरूक करना होगा, ताकि वो कहीं भीड़ का हिस्सा ना बन जाएं। साथ ही उन्हें यह भी समझाना होगा कि वो अपने साथी संगत में मॉब लिचिंग के प्रति जागरूकता लाएं। जनप्रतिनिधियों को भी जागरूक होना होगा, ताकि इस प्रकार की घटनाएं घटित ना हों। 


मुकेश कुमार, डीएसपी विधि व्यवस्था


जिले में मॉब लिचिंग की सारी घटनाएं बच्चा चोरी की अफवाहों के चलते हुयी हैं, जबकि वास्तव में ऐसी कोई घटना नहीं हुयी है। पुलिस अपनी ओर से कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए पूरे प्रयास कर रही है। इसमें जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जा रही है और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।


विजय कुमार कुशवाह एसडीपीओ निरसा


केवल सभा करने और सभा में सम्मिलित होने से आम जनता में जागरूकता नहीं आएगी। समाज में जागरूकता लाने के लिए सबसे पहले हमें जागरूक होना होगा, ताकि कोई निर्दोष मॉब लिचिंग का शिकार ना हो।


सदानन्द सुमन महाप्रबंधक, ईसीएल मुग्मा एरिया


समाज में जागरूकता लाने के लिए ईसीएल हमेशा से प्रयास करता रहा है। मॉब लिचिंग को लेकर भी ईसीएल मुग्मा एरिया की ओर से क्षेत्र में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, पुलिस को सहयोग दिया जा रहा है । मेरी लोगों से अपील है कि वो अफवाहों पर ध्यान न दें, कानून को अपने हाथ में ना लें। अगर उन्हें कोई सन्दिग्ध न्यूज मिलती है, तो वो इसकी सूचना पुलिस को दें।


उमेशप्रसाद सिंह थाना प्रभारी निरसा


पिछले एक महीने में निरसा क्षेत्र में मॉब लिचिंग से संबंधित 5 घटनाएं हुई हैं, जिसमें एक व्यक्ति की जान भी जा चुकी है। पुलिस इन्हें रोकने के लिए हर सम्भव कोशिश कर रही है। जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है।


एमएन मंसूरी अंचलाधिकारी, निरसा


मॉब लिचिंग की वारदातों की जितनी निन्दा की जाये कम है। किसी भी समय समाज में इस तरह की घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है। लोगों को चाहिए कि वो कानून का सम्मान करें, कानून को अपने हाथ में ना लें। 


मुकेश कुमार बाउरी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, निरसा 


बच्चा चोरी केवल एक अफवाह है। मॉब लिचिंग के प्रति हमें अपने आसपास जागरूकता लानी होगी, ताकि कोई हमारा अपना इसका शिकार ना हो और ना ही भीड़ का हिस्सा बने।


डॉ.संतोष कुमार प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी, निरसा


मॉब लिचिंग की घटनाएं जघन्य अपराध हैं। सभी जनप्रतिनिधि, मुखिथा, पंचायत सदस्यों के साथ ही क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों को चाहिए कि वो लोगों को समझाएं कि वो भीड़ के बहकावे में ना आयें, भीड़ का हिस्सा ना बनें।


मनीष कुमार पत्रकार


भय एवं अज्ञानता का मिश्रण है मॉब लिचिंग। कुछ लोग समाज को अशान्त करने के लिए इसे हवा दे रहे हैं, जिससे की प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाया जा सके । यह शिक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्न खड़ा करता है, जिसके चलते आज भी लोग अफवाहों पर भरोसा करते हैं और निर्दोष लोगों को मारते हैं। लोगों को चाहिए कि वो अफवाहों से बचते हुए एक शिक्षित और सुरक्षित समाज की ओर बढ़े, सन्देह होने पर तुरन्त पुलिस को सूचित करें।


मॉब लिचिंग में सोशल मीडिया का इस्तेमाल


जिले में हुई मॉब लिचिंग की वारदातों में सोशल मीडिया का रोल भी सामने आया है। लोगों ने कई मौकों पर जाने अनजाने अपुष्ट, बनावटी सन्देशों को वायरल कर दिया, जिसके चलते लोगों में डर की भावना विकसित हयी है । इसके साथ ही यह बात भी सामने आयी है कि व्हाट्सअप पर एक ऐसा वर्ग भी सक्रिय है, जो खुद को तेज और स्मार्ट दिखाने की होड़ में तेजी से वीडियो और मैसेज फार्वर्ड करता है, बिना उनकी सत्यता जाने । इसके अलावा खुद को क्रिएटिव दिखाने के चक्कर में कई बार यह वर्ग फेस मैपिंग और आर्टिफिशियल टूल्स का इस्तेमाल करके किसी वीडियो का सहारा लेकर किसी भी व्यक्ति को वो बातें कहते हुए भी दिखा देता है, जो वास्तव में उसने कही ही नहीं है । नाम और संदर्भ में मामूली बदलाव करके कहीं के मैसेज को कहीं का दिखा दिया जाता है। इसके साथ ही उन वीडियो और मैसेज को स्थानीय भाषा में भी बदल दिया जाता है, ताकि स्थानीय लोग उसके साथ जुड़ाव महसूस करें और उस मैसेज के प्रसार की गति और तेज हो सके । इसमें कई बार ऐसे वीडियो और मैसेज भी होते है, जो समाज में भयाभय स्थिति पैदा कर देते है। जिले में हुई मॉब लिंचिंग की वारदातों में इन सन्देशों की भी भूमिका है । कई जगह लोग बच्चा चोरी की अफवाहों के मैसेज सुनकर, देखकर उद्देलित हो उठे।