भोपाल स्टेशन पर बोतलबंद पानी का खेल


रिपोर्ट - उदय प्रताप सिंह



 


मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल रेलवे स्टेशन पर इन दिनों बोतलबंद पानी का खुला खेल चल रहा है । रेलवे स्टेशन के स्टालों पर जहां केवल रेल नीर की बिक्री की ही अनुमति है, वहीं रेलवे पुलिस और आईआरसीटीसी के कर्मचारियों की मिलीभगत से यात्रियों को स्तरहीन पानी परोसा जा रहा है। भोपाल रेलवे स्टेशन पर बीस से ज्यादा ब्रांड का पानी बिक रहा है। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि रेलवे की पेंट्री कार में भी रेलनीर के अलावा दुसरे ब्रांड के पानी की बिक्री धड़ल्ले सो की जा रही है। बताया जाता है कि भोपाल के पास स्थित गोविंदपुरा इंडस्ट्री क्षेत्र में बने कई प्लांटों के पानी को रेलवे स्टेशन पर बेचा जाता है । मगर रेलवे द्वारा केवल कुछ ही ब्रांड के पानी को सप्लाई के लिए मान्यता दी है। जबकि इंडस्ट्री एरिया मंडीदीप में बनने वाले उच्च गुणवत्ता के पानी को रेलवे सप्लाई हेतु सही नहीं मान रहा। इसके कारण रेलवे स्टालों पर गैर गुणवत्ता वाला बोतलबंद पानी बेचा जा रहा है। भोपाल रेलवे स्टेशन पर हर रोज सौ से ज्यादा यात्री गाड़ियों का आवागमन होता है, जिसके कारण स्टेशन पर पानी माफिया का खुला राज है। हालात यह है कि मंडीदीप में बनने वाला पानी स्टेशन पर नहीं बिकने दिया जाता । यात्री वाहनों में पानी माफिया के लोग रोज हजारों बोतल पानी की बिक्री करते हैं। मजबूरी के कारण यात्रियों को गैर गुणवत्ता वाला पानी लेना पड़ता है । हालात का जायजा लेने पर पता चला कि रेलवे के अधिकांश स्टालों पर रेलनीर उपलब्ध नहीं था  .। उसके स्थान पर गैर गुणवत्ता वाला पानी बेचा जा रहा है । भोपाल में आईआरसीटीसी के कर्मचारियों के संरक्षण में पानी माफिया का खुला राज चल रहा है। मंडीदीप में रेल नीर बन रहा है। साथ ही दूसरे ब्रांड का पानी भी बन रहा है  । इसी तरह गोविंदपुरा में भी कई ब्रांड के बोतलबंद पानी की फैक्ट्री चल रही हैं। रेलवे द्वारा भोपाल स्टेशन पर एक दर्जन ब्रांड के पानी को बिक्री के लिए अनुमति दी गई है, जिसमें से कई की गुणवत्ता बेहद खराब है और यात्री उसकी शिकायत कर चुके हैं। बाकी ब्रांड के पानी को आईआरसीटीसी के कर्मचारी नकली बता कर खारिज कर देते हैं । स्टेशन पर रुकने वाली अधिकांश गाड़ियों में स्तरहीन बोतलबंद पानी बेचा जा रहा है .। दूसरी तरफ आईआरसीटीसी के कर्मचारी रेलनीर की बिक्री के प्रति उत्साहित नहीं रहते, क्योंकि उस सरकारी पानी पर उन्हें कमीशन नहीं मिलता, लिहाजा रेलनीर की बिक्री भोपाल में दिनोंदिन गिरती जा रही है क्योंकि रेलवे पुलिस और आईआरसीटीसी के कर्मचारी दूसरे ब्रांड के पानी को खुले आम बिकवा रहे हैं । बताया जाता है कि भोपाल रेलवे स्टेशन पर रोज लाखों रुपये का पानी का धंधा होता है, जिसमें से एक हिस्सा रेलवे पुलिस, जीआरपी, आईआरसीटीसी कर्मचारियों और स्टेशन के कर्मचारियों को जाता है । जिसके बाद पानी माफिया खुले आम स्तरहीन बोतलबंद पानी यात्रियों को बेच रहे है। रेलवे ने अगर जल्दी इस गोरखधंधे को नहीं रोका तो गैरस्तरीय पानी के सेवन से यात्रियों के स्वास्थ्य पर बड़ा खतरा पैदा हो सकता है, जिसका जिम्मा भोपाल रेलवे पर होगा