मानसिक विकास में योग का अहम योगदान - अजय कुमार केसरी

 



पिछले दिनों मुंबई के मलाड में संपन्न हुआ योग शिविर लोगों की जीवनशैली के लिए अहम साबित हुआ। योग शिविर में बड़ी संख्या में युवाओं ने हिस्सा लिया । खास बात यह रही कि योग के साथ इस शिविर में लोगों को एक्युप्रेशर के सुलभ और सरल टिप्स भी बताए गए, जिससे लोगों को होने वाली कई अहम बीमारियों से निजात मिल सकती है। योग शिविर का आयोजन जाने माने सामाजिक कार्याकर्ता रोहित जायसवाल ने किया। शिविर में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने वाले भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी अजय केसरी ने भी हिस्सा लिया। इस अवसर पर श्री केसरी ने कहा कि योग हमारे मानसिक विकास के लिए सस्ता और सबसे अच्छा तरीका है, जिसके इस्तेमाल में कोई पैसा खर्च नहीं होता, उल्टे हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता हैकेसारी ने कहा कि अगर भारत में योग का प्रसार ठीक तरह से होने लगे, तो बड़ी संख्या में देश से मानसिक विकारों को दूर किया जा सकता है। अजय केसरी ने कहा कि भारतीय योग पद्धति बहुत प्राचीन योग पद्धति है, जिसका उल्लेख हमारी सभ्यता में मिलता है। श्री केसरी ने कहा कि सिंधु घाटी की सभ्यता का अगर सूक्ष्मता से अध्ययन करें तो समझ पाएंगे कि आज से हजारों साल पूर्व हमारे पूवर्ज इसी योग शैली को प्रमुखता से अपनाते थे। योग शिविर में ब्रह्माकुमारी से जुड़ी बहन दीदी कुंती ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि आज योग हमारे विकास के लिए सबसे जरूरी हिस्सा है। दीदी ने कहा कि योग से हम सीधे अपने को ईश्वर से जोड़ सकते हैं तथा परमात्मा से सीधे साक्षात्कार कर सकते है। शिविर में ब्रह्माकुमारी से जुड़ी राष्ट्रीय कोर्डिनेटर कुंती दीदी ने शिविर में आए लोगों को योग के सरल उपाए बताए। योग और ईश्वर की आराधना से जुड़ा ब्रह्माकुमारी आश्रम आज देश में अपनी पहचान बना चुका है। दुनिया भर में ब्रह्माकुमारी के साधकों की संख्या में निरतंर इजाफा हो रहा है। आश्रम की वर्तमान प्रशासक साधिका दीदी जानकी जी हैं, जिन्होंने अपना पूरा जीवन आम लोगों की सेवा में लगा दिया। दुनियाभर के कई देशों में उन्होंने सनातन धर्म और योग के प्रसार प्रचार के साथ ही ब्रह्माकुमारी आश्रम के सिद्धांतों को भी प्रचारित करने का काम किया। दीदी जानकी बालिकाओं की शिक्षा पर विशेष जोर देती हैं। उनका कहना है कि बालिकाओं की शिक्षा से ही देश की विकास हो सकता हैदीदी ने बताया कि दुनिया भर और भारत में आज ब्रह्माकुमारी आश्रम के चार हजार से ज्यादा सेवा केंद्र हैं, जहां योग, भारतीय सनातन धर्म और ब्रह्माकुमारी के आदर्शों का प्रचार किया जाता है। उन्होंने बताया कि ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय आज लाखों बालिकाओं का जीवन सुधार कर आज लाखों बालिकाओं का जीवन सुधार कर उन्हें समाज में स्थापित करने का काम कर चुका है। राजस्थान के माउंट आबू में कभी एक बीज अंतरित हुआ था, जो आज विशाल वटवृक्ष बन कर सारी दुनिया में योग और शिक्षा का प्रसारप्रचार फैला कर भारत का नाम रोशन कर रहा है।