पत्नी ने ही की थी रोहित की हत्या


उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री रहे नारायण दत्त तिवारी के बेटे की हत्या का खुलासा हो गया है। रोहित की हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि उनकी पत्नी अपूर्वा शुक्ला ने ही की थी। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, अपूर्वा शुक्ला ने अपना गुनाह कबूल भी कर लिया है। अपूर्वा ने पुलिस को यह भी बताया कि 90 मिनट के दौरान कैसे उसने अपने पति रोहित की हत्या को अंजाम दिया। अपूर्वा के मुताबिक, रोहित के अपनी एक रिश्तेदार के साथ अवैध संबंध चल रहे थे। कत्ल की रात इस बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हुआ था, इसी में उसने रोहित का गला दबा दिया, जिससे उसकी मौत हो गयी। 12 मई 2018 को रोहित की अपूर्वा शुक्ला से शादी हुई थी। इससे पहले काफ़ी दिनों तक वो दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रहे। लेकिन शादी के कुछ दिनों बाद ही दोनों के बीच झगड़ा शुरू हो गया। वजह थी रोहित की अपनी एक रिश्तेदार कुमकुम से मित्रता। अपूर्वा को रोहित का कुमकुम से मिलना जुलना कतई पसंद नहीं था। लेकिन अपूर्वा की आपत्ति के बावजूद रोहित अक्सर कुमकुम से मिलने जाता था .इसके साथ ही अपूर्वा चाहती थी कि रोहित उसके मायके वालों के लिए एक मकान की व्यवस्था कर दे, लेकिन रोहित ने उसकी इस मांग पर भी कोई ध्यान नहीं दिया।दोनों के बीच मामला इतना बढ़ गया कि बात उज्जवला शर्मा तक पहुंच गयी और दोनों के बीच तलाक तक की नौबत आ गयी । हालांकि तब किसी तरह मामला शान्त हो गया। इसी बीच कुछ दिनों के लिए अपूर्वा अपने मायके चली गयी थी। लेकिन अपूर्वा की इस सख्ती का भी रोहित पर कोई असर नहीं हुआ और वो बदस्तूर अपनी महिला मित्र कुमकुम से मिलता रहा। वारदात से कुछ ही दिनों पहले अपूर्वा रोहित के पास आई थी, यह सोचकर कि अब रोहित को अपनी गलती का पछतावा होगा और सब कुछ ठीक हो जाएगा। इसी बीच 11 अप्रैल को उत्तराखंड में चुनाव होना था। रोहित को वोट डालने के लिए वहां जाना था। रोहित अपनी महिला मित्र कुमकुम को भी वहां अपने साथ ले गयाइसी बीच रोहित के उत्तराखंड प्रवास के दौरान अपूर्वा ने उससे वीडियो कॉल पर बात की, तो उस समय रोहित नशे में धुत था और उसके साथ कुमकुम भी थी। रोहित को नशे के चलते होश नहीं था और उसने उसी हालत में अपूर्वा की कॉल पिक कर ली। वीडियो कॉल में अपूर्वा ने देखा कि रोहित और कुमकुम दोनों शराब पी रहे थे। इसके बाद तो अपूर्वा का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया और उसने रोहित को फ़ोन पर ही काफ़ी खरी खोटी सुना दी। इसी बीच 15 अप्रैल को रोहित अपने उत्तराखंड प्रवास से दिल्ली डिफेंस कालौनी स्थित अपने घर लौटा, तो उस समय घर में रोहित, उसकी मां उज्जवला शर्मा, भाई सिद्धार्थ , नौकर गोलू, ड्राईवर अखिलेश मौजूद था। खाना खाने के बाद रोहित की मां उज्जवला शर्मा तिलक लेन स्थित अपने दूसरे घर चलीगयी, जबकि रोहित अपने कमरे में सोने के लिए चला गया। इसके कुछ देर बाद अपूर्वा रोहित के कमरे मे आई और उसकी रोहित से कुमकुम को लेकर तीखी बहस हुई। इस दौरान दोनों के बीच हाथापाई भी हुई। इसी बीच अपूर्वा ने तकिए से रोहित का गला दबा दियानशे में होने के चलते रोहित कोई खास प्रतिरोध नहीं कर सका और उसकी जान चली गयी । रोहित की मौत के बाद अपूर्वा घबरा गथी और करीब दो घंटे तक वो वहीं बैठी रही। इसके बाद उसने सबूत मिटाने की कोशिश की, जो वो कर सकती थी और फ़िर अपने कमरे में सोने के लिए चली गयी। रोहित का हालचाल जानने के लिए जब अगले दिन उज्जवला शर्मा का अपूर्वा के पास फ़ोन आया, तो उसने उन्हें भी यह कहकर टाल दिया कि रोहित देर रात तक नहीं सोए थे, इसलिए अभी सो रहे हैं। इसके बाद शाम के समय उज्जवला के पास उनके एक कर्मचारी का फ़ोन आया कि रोहित की तबियत ठीक नहीं है। उज्जवला शर्मा तुरन्त ही एम्बुलेंस लेकर डिफ़ेस कालोनी स्थित अपने घर पहुंची, तो देखा कि अपूर्वा रोहित को कार में लिटा रही है। लेकिन रोहित तो पहले ही इस दुनिया से जा चुका था। इसलिए जैसे ही रोहित को डॉक्टरों ने देखा, उन्होंने तुरन्त ही उसे मृत बता दिया। अब सबसे बड़ा सवाल यह था कि रोहित की मौत कैसे हुई। पहली नजर में सबको लग रहा था कि रोहित की मौत अवसाद के चलते हुई है। राजनीति में असफ़ल होने के चलते वो गहरे अवसाद में चल रहा था, लेकिन 3 दिन बाद जब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई, तो मामला हत्या का निकला। मामले की जांच शुरू हो चुकी थी। घर के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया, तो दो सीसीटीवी कैमरे बंद पाये गये, लिहाजा पुलिस किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पा रही थी. हालांकि पुलिस इतना तो समझ ही चुकी थी कि रोहित की हत्या घर के ही किसी सदस्य ने कीहै। पुलिस ने बारी-बरी से घर के सभी सदस्यों से पूछताछ की, तो उसका शक रोहित की पत्नी अपूर्वा पर गया। इसके बाद पुलिस ने जब अपूर्वा से गहराई से पूछताछ की, तो वो बार -बार बादलते अपने बयानों में खुद ही फंस गयी और पुलिस के सामने सारी सच्चाई उगल दी। अपूर्वा को उसके किये की क्या सजा मिलेगी, यह तो अदालत तथा करेगी, लेकिन इस वारदात ने एक बार फ़िर यह बात साबित कर दी है, पति-पत्नी के रिश्ते में अगर किसी 'वो' की एंट्री हो जाये, तो उस रिश्ते का अन्त अक्सर घातक ही होता है।


रोहित शेखर और उनकी मां उज्जवला शर्मा ने दिवंगत नारायन दत्त तिवारी से अपना हक पाने के लिए लम्बी कानूनी लड़ाई लड़ी थी। साल 2014 में उन्हें इसका फ़ल भी मिला और नारायण दत्त तिवादी ने रोहित को अपने बेटे के रूप में अपना लिया, साथ ही उनकी मां उज्जवला शर्मा से बाकायदा शादी कर ली। अब मां-बेटे दोनों की जिंदगी पट्टी पर आ चुकी थी। इसी बीच रोहित ने अपने पिता की राजनैतिक विरासत को पाने के लिए राजनीति में भी हाथ पांव मारे, लेकिन इसमें उन्हें कोई खास सफ़लता नहीं मिली। हालांकि अभी भी वो राजनैतिक रूप से सक्रिय थे और अक्सर अपने क्षेत्र में जाते रहते थे। घटना वाली रात से कुछ घंटे पहले भी वो हल्द्वानी से वापस लौटे थे। ।