धर्म समझकर करें मतदान - बाबा अवधूत देवीदास महाराज

 



सभी लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग धर्म और कर्तव्य समझकर करना चाहिए, तभी हम अच्छे जनप्रतिनिधि चुन सकेंगे। अच्छी सरकार चुन सकेंगे। इसके बाद ही हम सही मायने में राष्ट्र निर्माण के कार्य में भागीदार बन सकेंगे। बाबा अवधूत देवीदास जी का कहना है कि जब हम धर्म की बात करते हैं, तो हमारे मन में अच्छे कर्म के प्रति स्वतः ही श्रद्धा उत्पन्न हो जाती हैसही गलत का अहसास जाग उठता है। इसके बाद हम गलत व्यक्ति को चुन ही नहीं सकते। बाबा अवधूत देवीदास जी कहते हैं कि हमारे समाज में अनेकों धर्मों, मतों और सम्प्रदाय को मानने वाले लोग हैं। लेकिन सभी का सार एक ही है। सभी धर्म, मत, सम्प्रदाय मूलतः मानवता की ही शिक्षा देते हैं। इसलिए मानव को मानव से प्रेम करना चाहिए। इसमे धर्म, जाति, वर्ग, लिंग, सम्प्रदाय का भेद नहीं होना चाहिएसभी इंसान उस परम पिता परमेश्वर की संतान है। इसलिए सभी को आपस में मिल-जुलकर रहना चाहिए। यहीं मानव धर्म है। मानव धर्म हमें दमा, भा, इंसानियत और प्रेम का पाठ पढ़ाता है। बाबा अवधूत देवीदास जी का कहना है कि आज कुछ लोग धर्म का चोला ओढ़कर राजनीति कर रहे हैं। अपने निजी स्वार्थों की खातिर इंसान को इंसान से लड़वा रहे हैं। कहीं धर्म के नाम पर, तो कहीं जाति के नाम पर, तो कहीं लिंग के नाम पर । इससे मानवता का भला नहीं हो रहा है, बल्कि समाज में कटता बढ़ रही है। यही कारण है कि समाज में बिखराव पैदा हो रहा है। अगर हम मानव कल्याण की बात सोचेंगे, तो हमारे मन में स्वतः ही दूसरों के प्रति प्रेम की भावना विकसित होगी। बाबा अवधूत देवीदास जी कहते हैं कि आज असल में धर्म का ह्रास हो रहा है .यह सब धर्म के ठेकेदारों के कारण हो रहा है। आज धर्म व्यक्तिगत प्रचार प्रसार का जरिया बन गया है।राजनीति का जरिया बन गया है। पैसा कमाने का धंधा बन गया हैहर धर्म की नींव इंसानियत पर टिकी है। लेकिन वो इंसानियत कहीं पीछे छूट रही है। कोई भी धर्म या पंथ में गलत सीख नहीं देता। हर धर्म का मूल सार मानव कल्याण ही है। इसलिए व्यक्ति किसी भी धर्म या मत को मानने वाला क्यों ना हो, उसे हमेशा मानव कल्याण के बारे में सोचना चाहिए, मानव हित के काम करने चाहिए। यही सच्ची मानव सेवा है, मानव धर्म है। लेकिन आज लालच और अहंकार की भावना ने मनुष्य के मन मस्तिष्क पर कब्जा कर लिया है। इसके कारण इंसान ही इंसान का दुश्मन बन गया है ।इस भावना को दूर करना होगा, तभी मानव कल्याण संभव है। मानव कल्याण और देश हित में अपना पूरा जीवन लगा देने वाले बाबा अवधूत देवीदास जी पूरे देश का भ्रमण कर रहे हैं। वो अब तक कई राज्यों का भ्रमण कर चुके है और इस समय पश्चिम बंगाल के दौरे पर है। इंसान को इंसान से जोड़ने में लगे बाबा अवधूत देवीदास जी का उद्देश्य है कि लोगों में मानवता की भावना जाग्रत हो। इसके बाद लालच, अहंकार, असमानता, भेदभाव जैसी बुराइयां अपने आप ही दूर होती चली जाएंगी।