समाजसेवा ही जीवन का ध्येय -डॉ. गजराज कौशिक



हरियाणा के गोहाना के प्रसिद्ध गजराज अस्पताल के मालिक डॉक्टर गजराज कौशिक समाज सेवा के कामों में हमेशा आगे रहते हैं। समाज सेवा के अपने मिशन के चलते ही उन्होंने रोहतक पीजीआई की अपनी नौकरी छोड़ दी और सोनीपत के गोहाना जैसे पिछड़े इलाके में आधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल खोला। डॉक्टर गजराज कौशिक का मानना है कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी बेहतर इलाज की सुविधा मिलनी चाहिए। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए वो अपनी ओर से प्रयास कर रहे हैं। उनकी कोशिश रहती है कि उनके यहां आने वाले मरीजों को कम कीमत पर बेहतर इलाज की सुविधा मिले। अगर किसी मरीज के पास पैसे नहीं हैं, तो भी वो उसका इलाज करते हैं। वो समय-समय पर मुफ़्त मेडिकल चैकप कैम्प, ब्लड डोनेशन कैम्प, स्वास्थ्य जागरुकता शिविर लगाते है, ताकि लोगों को ना केवल उनके स्वास्थ्य के बारे में उचित परामर्श मिल सके, साथ ही उनके रूटीन चैकप भी हो सके। इसके साथ ही गजराज स्वास्थ्य को लेकर चलाये जा रहे सरकार के कई अभियानों से भी जुड़े हुए हैं। बात पोलियो उन्मूलन की हो या एड्स का ज्ञान-बचाये जान था फ़िर नेत्र दान के बारे में लोगों को जागरूक करने की हो। डॉक्टर बनने और समाजसेवा के सवाल पर डॉक्टर गजराज कहते हैं कि उनका जन्म रोहतक के रिठाल गांव में हुआ था। बचपन में ही उनके सिर से पिता का साया उठ गया। उस समय वहां चिकित्सा सुविधाएं आज की तरह नहीं थीं। कमजोर आर्थिक स्थिति और सही इलाज ना हो पाने के चलते उनके पिता श्री उजालाराम की असमय मौत हो गयी थी, जिसके बाद उनकी मां भगवानी देवी का एक ही सपना था कि उनका बेटा डॉक्टर बने और गरीब, बेसहारा लोगों का सहारा बने । अपनी मां की इसी इच्छा को पूरा करने की वह कोशिश कर रहे हैं। डॉक्टर गजराज कौशिक चिकित्सा क्षेत्र से इतर समाज सेवा के दूसरे कामों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। उन्होंने सैकड़ों परिवारों को टूटने से बचाया है। । आमतौर पर देखा जाता है कि कई बार पति पत्नी के बीच मामूली विवाद इतना बड़ा रूप ले लेते हैं कि परिवार के टूटने तक की नौबत आ जाती है। ऐसे परिवारों को टूटने से बचाने के लिए डॉक्टर गजराज फ्री काउंसिलिंग देते हैं। उनके प्रयासों का ही नतीजा है कि अब गोहाना ही नहीं बल्कि दूर-दूर से दम्पत्ति अपने झगड़े सुलझाने के लिए उनके पास आते हैं। डॉक्टर गजराज कौशिक बच्चों के चरित्र निर्माण पर विशेष कार्यशाला भी आयोजित करवाते हैं, जिसमें छात्रों के चरित्र निर्माण से लेकर नैतिक शिक्षा पर जोर दिया जाता है, ताकि आज के ये बच्चे कल के निर्माता बनकर देश की तरक्की में आपना योगदान दे सके। वो छात्रों को सफ़लता के सूत्र भी बताते हैं। कई बार छात्र असफ़लता से निराश होकर गलत कदम विशेष कार्यशाला मी उठा बैठते हैं, इसी को ध्यान में रखकर डॉक्टर साब ने सफ़लता के सूत्र नामक किताब भी लिखी है, जिससे प्रेरणा लेकर लाखों छात्र अपनी जिंदगी संवार चुके हैं। चूंकि गोहाना ऐसा इलाका है, जिसने देश को कई नामी गिरामी खिलाड़ी दिये हैं। क्षेत्र के युवाओं में खेल के प्रति जुनून है, हालांकि बहुत से युवा संसाधनों के कमी के चलते अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर पाते। ऐसे युवाओं को डॉक्टर गजराज न केवल प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि साथ ही उनका मार्गदर्शन और आर्थिक मदद भी करते हैं। इसी के चलते वो कई स्पोट्र्स संस्थाओं से जुड़े हैं। डॉक्टर गजराज एक चिकित्सक ही नहीं, आपितु एक अच्छे कवि भी हैं। उन्होंने देश प्रेम से संबंधित बहुत सी कविताएं लिखी है। वो कई राष्ट्रीय कवियों के साथ मंच शेयर कर चुके है। कविता पाठ से उन्हें जो कुछ मिलता है, उसे वो गरीब बच्चों की सेवा में लगा देते हैं। निस्वार्थ भाव से सदैव समाज को समर्पित रहने वाले डॉक्टर गजराज को समाज ने भी अर्श पर बैठाया है। उन्हें विभिन्न संस्थाओं के द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।