रेवाड़ी में छात्रा से गैंगरेप


बच्चियों के साथ दुष्कर्म की सजा उम्र  कैद तक हो सकती है, यह जानते हुए भी उनके साथ दरिंदगी की घटनाएं आये दिन अखबारों की सुर्खियां बन रही हैं। ताजा मामला सामने आया है हरियाणा के रेवाड़ी में, जहां एक छात्रा का पहले तो कुछ हैवानों ने अपहरण कर लिया और फ़िर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद वो हैवान उस छात्रा को एक बस स्टैंड पर अचेत अवस्था में छोड़कर फरार हो गये।


पीड़ित छात्रा रेलवे की कोचिंग कर रही थी। एक दिन जब वो महेन्द्रगढ़ के कनीना में अपने कोचिंग इंस्टीट्यूट जा रही थी, तो कुछ हैवानों ने उसे लिफ़्ट देने के बहाने अपने पास बुला लिया और उसका अपहरण करके ले गथे । इसके बाद उन दरिन्दों ने उसे नशीला पदार्थ पिलाया और कोसली में एक खेत में बने ट्यूबवेल के कमरे में ले जाकर बारी बारी से उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। जब उस मासूम लड़की की हालत बिगड़ गयी, तो वो हैवान उसे महेन्द्रगढ़ के एक बस स्टैंड पर अचेत अवस्था में छोड़कर फरार हो गये । इसके बाद उनमें से एक लड़के ने छात्रा के घर फ़ोन किया और ये बताया कि वो बस अड्डे पर बेसुध पड़ी है। फ़ोन सुनते ही लड़की के परिजन मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। छात्रा के परिजन मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए रेवाड़ी पुलिस स्टेशन भी गये, लेकिन वहां से उन्हें कनीना थाने भेज दिया गया। कनीना थाने ने मामले के सीमा क्षेत्र से बाहर का होने की बात कहकर पीड़ित छात्रा के परिजनों को लौटा दिया। इसके बाद पीड़िता और उसके परिजन इधर-उधर भटकते रहे। लेकिन जब मामला सुर्खियों में आया, तो पुलिस नींद से जागी और आखिरकार पीड़िता की शिकायत दर्ज की गयी। इसके बाद शासन-प्रशासन हरकत में आया और जल्द ही पुलिस ने इस मामले के एक आरोपी निशु को गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही मामले के तूल पकड़ने पर रेवाड़ी के एसपी राजेश दुग्गल का तबादला कर दिया गया और राहुल शर्मा को नया एसपी बनाया गया। पीड़िता के परिजनों की शिकायत पर रेवाड़ी के जिला अस्पताल के एसएमओ सुदर्शन पंवार को भी लापरवाही के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया। साथ ही कनीना की एएसआई हीरामणि को निलम्बित कर दिया गया। हीरामणि पर आरोप है कि उसने पीड़िता और उसके परिजनों की शिकायत पर आरोपियों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज नहीं की और वो उन्हें इधर से उधर टहलाती रही। वहीं दूसरे आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए पुलिस की 25 टीमें बनाई गयी हैं जो जगह-जगह दबिश दे रही हैं। नूंह की एसपी नाजनीन भसीन के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है। आरोपियों की सूचना देने वाले को एक लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की गयी है। पुलिस के मुताबिक, इस वारदात में आरोपियों का साथ देने वाले दो व्यक्तियों दीनदयाल और संजीव को भी गिरफ्तार कर लिया है। दीनदयाल वो व्यक्ति है, जिसके खेत में बने ट्यूबवेल के कमरे में आरोपियों ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था। संजीव एक आरएमपी डॉक्टर है, जिसे आरोपियों ने पीड़िता की तबियत बिगड़ने पर घटना स्थल पर बुलाया था। संजीव को सब कुछ पता था, लेकिन फ़िर भी उसने इस वरदात के बारे में पुलिस को कोई ख़बर नहीं दी। वहीं इस वारदात के दो आरोपी पंकज और मनीष अभी तक फ़रार हैं। पंकज फ़ौज में है और इस समय कोटा में तैनात है। वारदात के समय वो छुट्टी पर घर आया था और वारदात के बाद से ही वो फ़रार है। पंकज कबाड़ी का खिलाड़ी रहा है और उसे कबड्डी के गुर पीड़िता के पिता ने ही सिखाये थे। इस कारण उसका पीड़िता से परिचय था । खेल कोटे के चलते ही उसका फ़ौज में सिलेक्शन हुआ था। इस कारण वो पीड़िता के पिता को अपना गुरु मानता था और फ़ौज में सिलेक्शन होने के उपरान्त उसने पंचायत में पीड़िता के पिता का सम्मान भी किया था। फ़ौज में जाने से पहले वो अक्सर पीड़िता के यहां आया करता था। अभी कुछ महीने पहले ही पंकज की शादी हुई है। उधर इस वारदात का दूसरा आरोपी निशु भी पीड़िता का पड़ोसी है और निशु का पंकज से परिचय भी पीड़िता के यहां आने-जाने के दौरान हुआ था । निशु भी कुश्ती का खिलाड़ी रहा है। और उसे भी कुश्ती के दांव-पेंच पीड़िता के पिता ने ही सिखाये थे। वो भी फ़ौज में जाना चाहता था, लेकिन उसका सिलेक्शन नहीं हुआ। अभी हाल ही तक वो क्षेत्र में छोटी-मोटी कुश्तियां लड़ता रहा था। पुलिस जांच में यह बात भी सामने आयी है कि इस वारदात के आरोपी पंकज, निशु पर पहले भी छेड़छाड़ के आरोप लग चुके हैं। वारदात के तीसरे आरोपी मनीष को निशु ने ही मौके पर बुलाया था। वो निशु का अच्छा दोस्त है। निशु और मनीष अविवाहित हैं। पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई है, कि इस मामले के सहआरोपी दीनदयाल ने अपने ट्यूबवेल पर बने कमरे को अय्याशी का अड्डा बना दिया था। इसके लिए उसने वहां पूरा इंतजाम कर रखा था। खेत में बने उस कमरे में शराब की बोतलों के साथ ही फ्रिज, खाना बनाने का चूल्हा, बिस्तर आदि भी मिले हैं। वह इसे यूज करने के एवज में पूरी कीमत वसूलता था। पुलिस ने कोठरी को सील कर दिया है। इसी बीच जिस गांव में छात्रा के साथ यह जघन्य वारदात घटित हुई, वहां के लोग भी इस बात की तस्दीक करते हैं कि घटनास्थल अवैध और आपराधिक गतिविधियों के लिए कुख्यात है। एक ग्रामीण ने कहा कि हम मांग करते है कि इस वारदात के आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दी जाये। लेकिन साथ ही यह भी ध्यान रखा जाये कि पुलिस गांव के किसी भी निर्दोष व्यक्ति को परेशान ना करे, क्योंकि कई लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। वहीं पीड़िता की मां ने न्याय की गुहार लगाई है। पीड़िता की मां ने कहा कि एक तरफ़ तो सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे को बुलंद कर रही है, तो दूसरी तरफ़ समाज में दरिन्दे बेखौफ़ घूम रहे हैं। उन पर कोई कारवाई नहीं हो रही है। इन हालातों में बेटियों को कैसे बचाया जाये और कैसे पढ़ाया जाये । हमारी लड़कियों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए क्या यही कीमत चुकानी पड़ेगी? आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन पुलिस उन्हें पकड़ने में विफ़ल रही है। हमें शिकायत दर्ज करवाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा।