हनी ट्रैप से जवानों को फंसाने में जुटी आईएसआई


 



सीमा पर मुंहतोड़ जवाब मिलने के बाद पाकिस्तान बौखला गया है और वो अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए तरहतरह के हथकंडे अपना रहा है। इसी क्रम में पाकिस्तानी खुफ़िया एजेंसी आईएसआई की नई चाल का खुलासा हुआ है। पाकिस्तानी खुफ़िया एजेंसी हनी ट्रैप के सहारे भारतीय सेना के जवानों, पैरा मिलिट्री जवानों और दूसरे प्रभावशाली लोगों को फंसाने में जुटी है, ताकि उनसे देश की ख़ुफ़िया और अहम जानकारियां हासिल हो सकें। लेकिन देश की ख़ुफ़िया एजेन्सियों और यूपी एटीएस ने उसके नापाक मंसूबों की पोल खोल दी है। इस तरह की जानकारी मिलने के बाद यूपी एटीएस सक्रिय हुई और जवानों की आईडी खंगालने लगी। इसी बीच उसे सेना के एक जवान अच्युतानंद मिश्रा की फ़ेसबुक आईडी की फ्रेंड लिस्ट में काजल शर्मा नाम की एक संदिग्ध आईडी नजर आई। जब यूपी एटीएस ने इसकी बारीकी से जांच की, और अच्युतानंद से पूछताछ की, तो पता चला कि काजल शर्मा नाम की उस फ़र्जी आईडी को आईएसआई के इशारे पर एक पाक हसीना चल रही है। इसके बाद मामला आइने की तरह साफ़ हो गया। इसके बाद बीएसएफ जवान अच्युतानंद मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया। अच्युतानंद ने बताया कि किस तरह वो पाक हसीना के जाल में फंसता चला गया? और दोनों में नम्बरों का आदान-प्रदान हुआ और व्हाट्सअप पर फ़ोटो, वीडियो भेजने के साथ ही बात भी होने लगी। इसके बाद यूपी एटीएस ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाया, तो खुलासा हुआ कि पाकिस्तान की खुफ़िया एजेंसी आईएसआई ने सोशल मीडिया पर हसीनाओं की पूरी फ़ौज तैयार की है, जो सेना के जवानों, पैरा मिलिट्री के जवानों और देश के युवाओं को दोस्ती के नाम पर फ़ेसाती हैं और फ़िर उनसे देश और सेना की खुफ़िया जानकारियां हासिल करती हैं। एटीएस के आईजी आसीम अरुण के मुताबिक, गिरफ़्तार जवान अच्युतानंद मिश्रा से पूछताछ और जांच के बाद यह बात सामने आई है कि आईएसआई ने फ़ेसबुक पर ही 100 से ज्यादा फ़र्जी आईडी बनाई हैं। इन आईडी पर खूबसूरत लड़कियों की फ़ोटो लगी होती है, जो खुद को दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब या फ़िर किसी अन्य भारतीय शहर का बताती हैं, लेकिन असल में वो हसीनाएं पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई से जुड़ी हैं। ये पाक हसीनाएं खुद को डिफेंस रिपोर्टर, सोशल वर्कर, इंटीरियर डिजाइनर आदि बताती हैं और मीठी-मीठी बातें करती हैं और फ़िर अपनी उत्तेजक तस्वीरें भेजती है या फ़िर अश्लील वीडियों भी भेजती हैं। इसके बाद जब जवान इनके जाल में फंस जाता है, तो वो उससे देश के महत्वपूर्ण स्थलों को देखने के बहाने वहां की तस्वीरें मंगाती हैं, सेना के मूवमेंट के बारे में पता करती हैं। उधर इस तरह की कई घटनाओं के संज्ञान में आने के बाद हनीट्रैप में फंसे सेना और दूसरे युवाओं को बचाने के लिए यूपी पुलिस की ओर से एक हेल्प लाइन नम्बर 9792103082 और ईमेल आईडी igats-up@gov.in जारी की गयी है, ताकि समय रहते उन्हें हनीट्रैप से रोका जा सके।