2019 के आम चुनाव के लिए राहुल की नई टीम तैयार

 


 


 


 


कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नई टीम बनकर तैयार हो गयी है। माना जा रहा है कि इस नई टीम के अंडर में ही कांग्रेस 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ेगी। इस टीम में अनुभव के साथ ही युवाओं को वरीयता दी गयी है। साथ ही महिलाओं को भी उचित प्रतिनिधित्व दिया गया है। लेकिन सरसरी तौर पर देखने पर लगता है कि राहुल अपनी नई टीम में हर क्षेत्र के साथ न्याय नहीं कर पाये हैं। एक ओर जहां राहुल की नई टीम में हरियाणा और उत्तर प्रदेश के नेताओं की भरमार है, तो वहीं पश्चिम बंगाल, आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, बिहार के साथ ही कई दूसरे राज्यों का नाम मात्र का ही प्रतिनिधित्व है। इन राज्यों को नजरअंदाज करने के पीछे सबसे बड़ी वजह यह मानी जा रही है। कि इन राज्यों में पार्टी के पास कोई कद्दावर या राष्ट्रीय स्तर का नेता नहीं है। इसके साथ ही इन राज्यों में पार्टी की हालत ख़ास बेहतर भी नहीं है। बिहार में पार्टी दूसरी पार्टियों की बैशाख़ी के सहारे राजनीति कर रही है। आंध्र प्रदेश के बंटने और 4 साल पहले सत्ता गंवाने के बाद से वहां लगातार पार्टी का जनाधार सिकुड़ रहा है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने पिछले दिनों पार्टी में वापसी की है। यही हाल तेलंगाना का है। बंगाल में भी कांग्रेस लगातार कमजोर हो रही है। उसके नेता और विधायक पार्टी का दामन छोड़कर राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस, वाम दल और भाजपा में जा रहे हैं। पहले बंगाल में कांग्रेस के चेहरे के तौर पर प्रणव मुखर्जी थे, लेकिन उनके राष्ट्रपति बनने के बाद वो राजनीति से अलग हो गये। अब राज्य में पार्टी के पास अधीर रंजन चौधरी ही बड़े नेता हैं, जो पहले से ही पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष हैं। इसके अलावा राज्य में पार्टी कई गुटों में बंटी हुई है। पार्टी की राज्य इकाई में गुटबाजी समय समय पर सामने आती रही है। राज्य के कुछ नेता चाहते हैं कि पार्टी को राज्य में अपने दम पर चुनाव लड़ना चाहिए,तो कुछ सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने के पक्ष में हैं। राज्य इकाई का एक धड़ा ऐसा भी है, जो लेफ़्ट फ्रंट के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की पैरवी कर रहा है। उसका मानना है कि इस गठबंधन को दूसरे राज्यों में भी अपनाना चाहिए, ताकि भाजपा की बढ़त को रोका जा सके। कार्यसमिति में उत्तर प्रदेश को खास तरजीह दी गयी है। प्रदेश के 5 नेताओं को सीडब्लूसी में जगह मिली है, जो किसी एक प्रदेश में सबसे ज्यादा है। पूर्व मंत्री आरपीएन सिंह, राज्यसभा सदस्य पीएल पूनिया, युवा कांग्रेस के अध्यक्ष केशव चन्द्र यादव, पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद सिंह, और पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह को कार्यसमिति में शामिल किया गया है। इसके साथ ही राहुल गांधी और सोनिया गांधी भी उत्तर प्रदेश से ही लोकसभा चुनाव जीतकर आते हैं। राज्य से इतने नेताओं को कार्यसमिति में शामिल करके पार्टी ने ब्राह्मण, राजपूत, दलित और ओबीसी को साधने के लिए किया है। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में महाधिवेशन के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने साफ़ कहा था, कि पार्टी में युवाओं और महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा। अब जबकि 2019 के आम चुनाव के लिए कांग्रेस की नई टीम का गठन किया जा चुका है, तो इसे देखकर साफ़ कहा जा सकता है कि राहुल गांधी ने तालकटोरा स्टेडियम के महाधिवेशन में कहीं बातों पर ही अमल किया है। कांग्रेस की नई टीम को देखकर यह भी साफ़ कहा जा सकता है कि नई टीम बनाने में राहुल को फ्री हैंड दिया गया है। उधर सोनिया गांधी ने पार्टी के कामकाज से पूरी तरह किनारा कर लिया है। उन्होंने साफ़ कहा है कि किसी भी मुद्दे पर विचार के लिए पार्टी के नेता, कार्यकर्ता उनके बजाए राहुल से ही संपर्क करें, क्योंकि अब वही पार्टी के साथ ही उनके भी बॉस हैं। हालांकि सोनिया गांधी अब भी यूपीए की चेयरपर्सन हैं और वह दूसरे राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन के एजेंडे पर काम कर रही हैं। राहुल की नई टीम में सोनिया के कुछ ही साथी हैं। मोतीलाल बोरा की वरिष्ठता को ध्यान में रखकर उन्हें कोर कमेटी में जगह दी गयी है। हालांकि उनकी उम्र को देखते हुए उन्हें कोषाध्यक्ष पद से मुक्त किया गया है और उनकी जगह अहमद पटेल को पार्टी का नया कोषाध्यक्ष बनाया गया है। ए.के. एन्टनी और 17 पी. चिदम्बरम पहले की तरह कांग्रेस कोर कमेटी में बने हुए हैं। जयराम रमेश और के सी वेणुगोपाल काफ़ी समय से टीम राहुल के सदस्य माने जाते हैं। इसलिए उन्हें कोर कमेटी में लिया गया है। मल्लिकार्जुन खड़गे और गुलाम नबी आजाद क्रमशः लोकसभा और राज्यसभा में पार्टी के नेता हैं, इसलिए उन्हें कोर कमेटी में लिया गया है। पार्टी के प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला को उनके सटीक जवाब और मोदी सरकार पर धारदार हमले के मद्देनजर कोर कमेटी में लेकर बड़ा ईनाम दिया गया है। कांग्रेस की नई टीम में पहले से ज्यादा युवा चेहरों को जगह दी गयी है। एक ओर जहां कई वरिष्ठ और दिग्गज नेताओं जैसे दिग्विजय सिंह, जनार्दन द्विवेदी, मोहन प्रकाश, सीपी जोशी, बीके हरिप्रसाद को अभी कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं मिली है, तो वहीं पार्टी के युवा नेताओं और कई पूर्व मुख्यमंत्रियों को महत्वपूर्ण पद दे दिये गये हैं। ओमान चांडी, दीपक बावरिया, लुईंजिन्हों लेरियो, अविनाश पांडे और अशोक गहलोत को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। । विभागों के प्रभारी के रूप में भी युवा चेहरों को तरजीह मिली है। शक्ति सिंह गोहिल, आरपीएन सिंह, राजीव सातव, रामचन्द्र खंटिया, भंवर जितेन्द्र सिंह, रजनी पाटिल, पीएल पूनिया, पीसी चाको, आशा कुमारी, गौरव गोगोई, ए चेला कुमार, रणदीप सुरजेवाला और अनुग्रह नारायण सिंह को नई जिम्मेदारी दी गयी है। सचिवों की सूची में भी युवा चेहरों की भरमार है। अल्पेश ठाकुर, अनिल चौधरी, अमित देशमुख , अरुण ऑरान, आशीष दुआ, अश्वनि सेख़री, विनीत पूनिया, भूपेन कुमार बोहरा, बीपी सिंह, विश्वरंजन मोहंती, बीएम संदीप, डॉक्टर चंदन यादव, चेला वासमी चन्द्र रेड्डी , क्रिस्टोफ़र तिलक, सीडी मयप्पन, देवेन्द्र यादव, जी चिन्ना रेडी, राजेश लिलोठिया आदि को जगह मिली है। इसके साथ ही 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए 19 सदस्यों की घोषणा पत्न समिति बनाई गयी है। यह समिति 2019 लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणा पत्र तैयार करने का काम करेगी। कांग्रेस पार्टी का मानना है कि यह घोषणा पत्र ही नहीं, बल्कि पार्टी का दस्तावेज होगा। पार्टी का आइना होगा। कांग्रेस जो वायदे जनता से करेगी, सत्ता में आने पर उन्हें पूरा किया जाएगा। इसलिए इस टीम के गठन को काफ़ी अहम माना जा रहा है। 19 सदस्यों वाली इस समिति में 4 महिलाओं के लिए जगह दी गयी है। समिति में ललितेश त्रिपाठी, मनप्रीत बादल, पी चिदम्बरम, सुष्मिता देव, प्रो राजीव गौड़ा, भूपेन्द्र सिंह हुडा, जयराम रमेश, सलमान खुशीद, बिन्दु कृष्णन, कुमारी शैलजा, रघुवीर मीणा, भालचन्द मुगेकर, मीनाक्षी नटराजन, रजनी पाटिल, सैम पित्रोदा, सचिन राव, ताम्रध्वज साहू, मुकुल संगमा एवं शशि थरूर को जगह मिली है।



 


कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की जो नई टीम बनी है, वो बेमिसाल है। इसमें जहां युवाओं को ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया गया है, वहीं अनुभवी । नेताओं को भी जगह दी गयी है। महिलाओं को भी पर्याप्त तादात में पद दिये गये हैं। चुनाव में कांग्रेस को विजयश्री दिलवाएगी।