हिंसक होती भीड़


देश में मॉब लिंचिंग के कारण कई लोगों की हत्याएं हुई हैं और कई लोग घायल भी हुए हैं। सरकार की ओर से मैं ऐसी घटनाओं की कड़ी निंदा करता हूं। सभी को जानकारी होगी कि इस तरह की घटनाएं अफ़वाहें या संदेह के आधार पर होती हैं। फेक न्यूज के कारण भी इस तरह की घटनाएं होती हैं। यह राज्य सरकार का विषय है, उनकी भी जिम्मेदारी बनती है कि वो प्रभावी तरीके से इसे रोकने के लिए काम करें। राज्य का विषय होने के बाद भी केन्द्र ने इस पर एक्शन लिया है। 2016 और इस साल जुलाई में भी केन्द्र सरकार की ओर से इस पर एडवाइजरी जारी की गयी है। सरकार ने सोशल मीडिया प्रोवाइडर्स को निर्देश दिया है कि वो अपने सिस्टम में चेक इस्तेमाल करें।


कर्नाटक के बीदर में पिछले कई दिनों से स्मार्टफ़ोनों पर एक मैसेज चल रहा था कि क्षेत्र में एक बच्चा चोर गिरोह सक्रिय है। इसी बीच एक दिन जब हैदराबाद के रहने वाले आजम, बशीर, सलमान और अकरम अपने एक दोस्त से मिलने के लिए बीदर के मुरकी में आये, तो लौटते हुए इनमें से एक शख्स वहां खड़े कुछ बच्चों को चॉकलेट बांटने लगा। इस पर वहां मौजूद लोगों को यह शक हो गया कि यह लोग बच्चा चोर गिरोह के सदस्य हैं। उधर यह खबर व्हाट्सअप के जरिए दूसरे लोगों तक भी आग की तरह फैल गयी । फ़िर क्या था, आजम, बशीर, सलमान और अकरम जब तक कुछ समझ पाते, कि उससे पहले ही भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। किसी तरह चारों ने कार से भागने की कोशिश की, लेकिन भीड़ लगातार उनका पीछा करती जा रही थी। इसी बीच उनकी कार एक बाइक से टकरा गयी और कार एक गड्ढे में गिर गयी। इसके बाद उनका पीछा कर रहे लोगों ने उन्हें कार से बाहर खींच लिया और उनकी पिटाई शुरु कर दी। चश्मदीदों के मुताबिक, वहां सैकड़ों लोग मौजूद थे, लेकिन किसी ने उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की। उधर जब तक पुलिस मौके पर पहुंच पाती, तब तक चारों में से एक शख्स मोहम्मद हो चुकी थी।